प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर के सही चुनाव से बढ़ेगी फूलों की संख्या; जानें चमत्कार और डबल स्प्रे करने का सही समय।
चने की खेती में पीजीआर (PGR) का महत्व
चने की फसल में अक्सर यह देखा जाता है कि पौधा वानस्पतिक विकास (Growth) तो बहुत ज्यादा कर लेता है, लेकिन उसमें फूल और फलियां सही मात्रा में नहीं लग पातीं। ऐसी स्थिति में किसान भाई प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर यानी पीजीआर का सहारा लेते हैं। बाजार में घरडा कंपनी का ‘चमत्कार’ और गोदरेज कंपनी का ‘डबल’ ये दो प्रमुख उत्पाद काफी लोकप्रिय हैं। इन दोनों का उपयोग फूल आने की अवस्था में किया जाता है ताकि पैदावार को बढ़ाया जा सके।
घरडा ‘चमत्कार’ का उपयोग कब और कैसे करें?
घरडा कंपनी के चमत्कार में ‘मेपिक्वाट क्लोराइड’ (Mepiquat Chloride) पाया जाता है। अगर आपकी चने की फसल में अभी फूल नहीं आए हैं या आने वाले हैं, तो ऐसी स्थिति में चमत्कार का स्प्रे करना ज्यादा फायदेमंद साबित होता है। यह पौधे की अनावश्यक बढ़वार को रोककर उसकी ऊर्जा को फूलों के विकास की ओर मोड़ता है। इसके उपयोग के लिए 180 से 200 मिलीलीटर दवा को 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ स्प्रे करने की सलाह दी जाती है।
गोदरेज ‘डबल’ का उपयोग और इसके फायदे
अगर चने की फसल में फूल आ चुके हैं, तो गोदरेज कंपनी का ‘डबल’ (Homobrassinolide 0.04%) सबसे अच्छा काम करता है। यह फूलों को फलियों में बदलने और दानों के भराव में मदद करता है। फूल आने के बाद अगर आप डबल का स्प्रे करते हैं, तो दानों का आकार और चमक बढ़ती है, जिससे पैदावार में वृद्धि होती है। डबल के लिए 100 मिलीलीटर प्रति एकड़ की दर से स्प्रे करना पर्याप्त होता है।
स्प्रे करते समय ध्यान रखने योग्य जरूरी बातें
हवामान विशेषज्ञों और कृषि जानकारों के अनुसार, किसी भी पीजीआर का स्प्रे हमेशा शाम के समय करना चाहिए ताकि इसके बेहतर परिणाम मिल सकें। फसल जब 45 से 60 दिन की हो और फूल आने की अवस्था में हो, तभी इनका उपयोग करें। वानस्पतिक अवस्था (20-30 दिन) में इनका स्प्रे करने से बचना चाहिए। सही समय पर सही उत्पाद का चुनाव ही किसानों को चने की खेती में अधिक लाभ दिला सकता है।








