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गेहूं की पैदावार बढ़ाने का मास्टर प्लान: दूसरी सिंचाई के समय अपनाएं यह फॉर्मूला, एक पौधे से निकलेंगे 40 से 50 कल्ले

पहली सिंचाई से भी ज्यादा महत्वपूर्ण है दूसरी सिंचाई; सही खाद और स्प्रे के तालमेल से गेहूं की फसल होगी लहलहाती और हरी-भरी।

गेहूं में दूसरी सिंचाई का महत्व और सही समय

गेहूं की फसल में पहली सिंचाई जड़ों की मजबूती के लिए होती है, लेकिन दूसरी सिंचाई कल्लों (Tillers) की संख्या बढ़ाने के लिए सबसे निर्णायक मानी जाती है। आमतौर पर गेहूं बोने के 40 से 45 दिन बाद दूसरी सिंचाई की जाती है। इस समय पौधे में कल्ले निकलने की प्रक्रिया बहुत तेज होती है। यदि इस समय सही पोषण मिले, तो एक बीज से 40 से 50 कल्ले निकल सकते हैं। जो किसान इस समय लापरवाही करते हैं, उनके खेतों में कल्लों की संख्या कम रह जाती है, जिससे अंततः पैदावार पर बुरा असर पड़ता है।

दूसरी सिंचाई के साथ जमीन में दें यह खाद (ब्रॉडकास्टिंग)

दूसरी सिंचाई से पहले या साथ में यूरिया की बची हुई खुराक देना अनिवार्य है। इसके साथ ही फसल में पीलापन दूर करने और हरापन बढ़ाने के लिए नीचे दिया गया विशेष फॉर्मूला अपनाएं:

  • यूरिया: प्रति एकड़ 30 से 45 किलो (जो भी आपकी अंतिम खुराक बची हो)।

  • मैग्नीशियम सल्फेट: 7 से 10 किलो प्रति एकड़।

  • फेरस सल्फेट: 5 से 7 किलो प्रति एकड़। मैग्नीशियम और फेरस सल्फेट क्लोरोफिल निर्माण में सबसे सहायक होते हैं। यदि आपकी फसल अच्छी भी चल रही है, तो भी 5-5 किलो इन दोनों का मिश्रण डालने से भविष्य में पैदावार में जबरदस्त वृद्धि देखने को मिलती है।

बेहतर रिजल्ट के लिए ‘फोलियर स्प्रे’ का चुनाव

जमीन से खाद देने के साथ-साथ ऊपर से किया गया स्प्रे फसल को तत्काल ऊर्जा प्रदान करता है। इसके लिए NPK 12:61:00 का 1 किलो प्रति एकड़ के हिसाब से 150 लीटर पानी में घोलकर स्प्रे करें। इसमें 61% फॉस्फोरस होता है, जो इस अवस्था में पौधों की संरचना मजबूत करने और ज्यादा कल्ले निकालने में मदद करता है। यदि फसल कमजोर दिख रही हो, तो इस स्प्रे में चिलेटेड जिंक (12%) 100 से 125 ग्राम मिलाकर छिड़काव करने से फसल में जबरदस्त चमक और ग्रोथ आती है।

खरपतवार नियंत्रण और अन्य सावधानियां

दूसरी सिंचाई करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि खेत में खरपतवार (Weeds) न हों। यदि खेत में बथुआ, पालक या गुल्ली-डंडा (मंडूसी) जैसे खरपतवार उग आए हैं, तो पहले उचित खरपतवार नाशक का छिड़काव करें। खरपतवार नियंत्रण के 2-3 दिन बाद ही खाद और सिंचाई की प्रक्रिया शुरू करें। साथ ही, किसान भाई माइकोराइजा या अनावश्यक एसिड वाले महंगे उत्पादों के पीछे पैसे बर्बाद करने के बजाय इन बुनियादी पोषक तत्वों पर ध्यान दें, जिससे कम खर्च में अधिक लाभ मिल सके।


क्या आपके गेहूं की फसल 40 दिन की हो चुकी है? समय रहते यह फॉर्मूला अपनाएं और अपनी पैदावार को दोगुना करने की ओर कदम बढ़ाएं।

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